June 2019 – Hindi
June 2019 – Hindi
युवा प्रभाग – दिव्य दर्पण ग्रुप
जून, 2019 मास के पुरुषार्थ की पॉइंट्स
हम ब्राह्मण आत्माओं का संस्कार है सरलता. सरलचित्त माना जो बातें सुनी, देखी, की – वह सारयुक्त हो और जो बात व कर्म स्वयं करें उसमें सार भरा हुआ हो. अपनी व दूसरों की बीती बातों को न देखने से स्वयं में सरलता का गुण आता है. सरलचित्त बनने से कठोर संस्कार वाले को शीतल बना सकते हैं और कठिन कार्य को सहज कर सकते हैं. वह कोई भी समस्या का सामना कर सकता है. सरलचित्त व्यक्ति के नयन, मुख और चलन मधुरता संपन्न होंगे. वह स्पष्ट और श्रेष्ठ होगा. वह ‘हाँ जी’ कहकर दूसरों के संस्कारों को भी सरल बना देता है.
तो आईये, हम स्पष्टता, सरलता और श्रेष्ठता के गुण को धारण करके बाप समान बनकर अन्य आत्माओं के लिए सैंपल बने.
सप्ताह | दिव्य दर्पण का पुरूषार्थ |
पहला | मनसा में सरलता – बीती बातों को बिंदी लगाना. |
दूसरा | वाणी में सरलता – सदा ‘हाँ जी’ करना. |
तीसरा | कर्म में सरलता – श्रीमत अनुसार श्रेष्ठ हो. |
चौथा | सम्बन्ध-संपर्क में सरलता – सच्चाई और सफाई हो. |
हर सप्ताह में जो लक्ष्य दिया है उसका अभ्यास एवं चिंतन करना है. उस पर कम से कम 10 लाइन्स में अनुभव लिखना है. रोज रात को चेक करना है कि मैंने कितना % सरलचित्त बन सफलता को प्राप्त किया.
- विशेष Activity: मास के हर रविवार को सभी युवा एवं दिव्य दर्पण चार्ट भरने वाले भाई-बहनों का वर्कशॉप रखें. जिसमे ग्रुप बनाकर उन्हें निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार विमर्श कराएं: (एक रविवार का सेम्पल)
- सरलचित्त की परिभाषा क्या है?
- सरलचित्त होने वाली प्राप्तियां?
- सरलचित्त आत्मा की निशानियाँ.
- Action Plan बनाएं.
- फ्रेम बुक में ऊपर चार पंक्तियों में निम्नलिखित बिंदु लिखकर उसका परिणाम प्रतिदिन रात को सोने से पहले लिखें:
गुड मॉर्निंग – 3.30
अमृतवेला–3.30 से 4.45,
व्यायाम/पैदल- हाँ जी
ट्रैफिक कंट्रोल-5
मुरली क्लास – क्लास में सुनी
अव्यक्त मुरली पढ़ी? – हाँ जी
नुमाशाम का योग-हाँ जी
स्वमान की स्मृति-बहुत अच्छी
सरलचित्त से सफलता – 60%
गुड नाईट – रात्रि – 10.30
- इस मास हम विशेष निम्नलिखित दो मर्यादाओं का कंगन बांधेंगे:
- अपनी व दूसरों की बीती बातों का कभी चिंतन नहीं करेंगे .
- अपनी स्थिति स्तुति के आधार पर नहीं बनायेंगे.
- अभ्यास:: हर घंटे एक मिनट के लिए स्वयं को चेक करें कि सारयुक्त रहे.
- दिव्य दर्पण के विशेष अभ्यास के साथ-साथ फ्रेम बुक में आज की मुरली के पश्चात् कम से कम 21 बार आज का स्वमान लिखना है या चिंतन कर 10 पॉइंट्स लिखनी है एवं कोई अनुभव हुआ हो तो वह जरुर लिखें.
सप्ताह | स्वमान |
पहला | मैं आत्मा मास्टर बीजरूप हूँ. |
दूसरा | मैं आत्मा ‘हां जी’ का पाठ पक्का करनेवाली हूँ. |
तीसरा | मैं आत्मा कर्म श्रेष्ठ हूँ. |
चौथा | मैं आत्मा सरलचित्त हूँ. |