March 2020 – Hindi
March 2020 – Hindi
युवा प्रभाग – दिव्य दर्पण
मार्च, 2020 मास के पुरुषार्थ की पॉइंट्स
मार्च मास का चार्ट:
लक्ष्य: संसार में अवतरित होकर सर्व को सुख, शांति, प्रेम, शक्ति का अनुभव करना.
हम आत्माएं परमात्मा पिता के कार्य में मददगार बच्चे है. परमात्मा का जो कार्य विश्व परिवर्तन का है, जो आत्माएं दुखी और अशांत है, जो आत्माएं राह भटक गयी है उन आत्माओं को सही ठिकाना देने में हम उनके खिदमतगार है. अवतार परमात्मा का सन्देश वाहक होता है. अवतार किसी विशेष उदेश से अवतरित होता है. अवतार सर्व आत्माओं का सम्बन्ध एक परमात्मा से जुड़ाता है. कभी स्वयं पर आकर्षित नहीं करता. हम आत्माएं परमात्मा वरसे की अधिकारी है अब वह वरसा हमे अन्य आत्माओं को देना है.
तो आईये, हम अवतार बने और संसार को परमात्मा के गुण और शक्तियों की अनुभूति कराएँ.
सप्ताह | दिव्य दर्पण का पुरूषार्थ |
पहला | शांति का अवतार |
दूसरा | प्रेम का अवतार |
तीसरा | सुख का अवतार |
चौथा | शक्ति का अवतार |
हर सप्ताह का जो लक्ष्य दिया है उसका अभ्यास एवं चिंतन करना है. उस पर कम से कम 10 लाइन्स में अनुभव लिखना है. रोज रात को चेक करना है कि हमने कितना % अवतार बने.
- विशेष Activity: मास के हर रविवार को सभी युवा एवं दिव्य दर्पण चार्ट भरने वाले भाई–बहनों का वर्कशॉप रखें. जिसमें ग्रुप बनाकर उन्हें निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार विमर्श कराएं: (एक रविवार का सेम्पल)
- अवतार अर्थात क्या?
- अवतार बनने के लिए कौनसी धारणाएं चाहिए?
- अवतरित आत्माओ की विशेषताएं?
- Action Plan बनाएं.
- फ्रेम बुक में ऊपर चार पंक्तियों में निम्नलिखित बिंदु लिखकर उसका परिणाम प्रतिदिन रात को सोने से पहले लिखें:
- गुड मॉर्निंग – 3.30
- अमृतवेला–3.30 से 4.45
- व्यायाम/पैदल- हाँ जी
- ट्रैफिक कंट्रोल – 5
- मुरली क्लास – क्लास में सुनी
- अव्यक्त मुरली पढ़ी? हाँ
- नुमाशाम का योग-हाँ जी
- स्वमान की स्मृति-बहुत अच्छी
- अवतार – 80%
- गुड नाईट – रात्रि – 10.30
- इस मास हम विशेष निम्नलिखित दो मर्यादाओं का कंगन बांधेंगे:
- दिन में 5 बार 5 स्वरुप का अभियास करेंगे.
- कोई भी व्यर्थ बात न करेंगे न सुनेंगे.
- अभ्यास: हर घंटे एक मिनट के लिए अवतार बन संसार को सकाश दे.
- दिव्य दर्पण के विशेष अभ्यास के साथ–साथ फ्रेम बुक में आज की मुरली के पश्चात् कम से कम 21 बार आज का स्वमान लिखना है या चिंतन कर 10 पॉइंट्स लिखनी है एवं कोई अनुभव हुआ हो तो वह जरुर लिखें.
सप्ताह | स्वमान |
पहला | मैं आत्मा शांति का अवतार हूँ. |
दूसरा | मैं आत्मा प्रेम का अवतार हूँ. |
तीसरा | मैं आत्मा सुख का अवतार हूँ. |
चौथा | मैं आत्मा शक्तियों का अवतार हूँ. |